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ज्योतिष शास्त्र में, कुछ दिनों में कुछ विशेष दिशाओं में यात्रा करना अशुभ माना जाता है, इसे ही दिशा शूल कहते हैं.
अशुभ दिशा:
दिशा शूल का अर्थ है कि किसी विशेष दिन, कुछ दिशाओं में यात्रा करने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे यात्रा में बाधाएं आ सकती हैं या काम में सफलता मिलने में संदेह हो सकता है.
दिन और दिशा:
हर दिन अलग-अलग दिशाओं में दिशा शूल होता है। उदाहरण के लिए, सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करना अशुभ माना जाता है.
जरूरी यात्रा:
यदि यात्रा करना बहुत जरूरी है, तो कुछ उपाय करके दिशा शूल के प्रभाव को कम किया जा सकता है.
दिशा शूल के प्रभाव:
कुछ लोगों का मानना है कि दिशा शूल का पालन करने से यात्रा में आने वाली बाधाएं कम हो सकती हैं और काम में सफलता मिलने की संभावना बढ़ सकती है. कुछ लोग दिशा शूल को अंधविश्वास मानते हैं और इसका पालन नहीं करते हैं.
दिशा शूल के उपाय:
यदि किसी विशेष दिशा में यात्रा करना जरूरी है, तो उस दिन के लिए बताए गए उपाय करके दिशा शूल के प्रभाव को कम किया जा सकता है.